रविवार, ९ एप्रिल, २०१७

स्टीवन पॉल जॉब्स


Steve JobsSteve Jobs
पूरा नाम    – स्टीवन पॉल जॉब्स
जन्म        – 24 फ़रवरी 1955
जन्मस्थान – सैन फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया, संयुक्त राज्य अमरीका
पिता        – पॉल रेनहोल्ड जॉब्स
माता        – क्लारा जॉब्स
विवाह       – लोरेन पॉवेल
बच्चें        – लिसा ब्रेनन जॉब्स, आयलैंड सिएना जॉब्स, ईव जॉब्स, रीड जॉब्स. (Steve Jobs Children)

स्टीवन पॉल जॉब्स – Steve Jobs Biography in Hindi

स्टीवन पॉल जॉब्स एक अमेरिकी उद्योगपति है। ज्यादातर वे एप्पल इनकारपोरेशन के सह-संस्थापक, अध्यक्ष और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) के कारण जाने जाते है। उनके पास पिक्सर एनीमेशन स्टूडियो के सर्वाधिक शेयर है, साथ ही वे द वाल्ट डिज्नी कंपनी के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर भी है, पिक्सर एनीमेशन उनकी अपनी संपत्ति में ही शामिल है। वे पिक्सर के संस्थापक, सभापति, और साथ ही नेक्स्ट इनकारपोरेशन के सीईओ भी है। जॉब्स 1970 में हुई माइक्रो कंप्यूटर की क्रांति के जनक कहलाते है। उन्होंने अपने सहकर्मी स्टीव वोज्निक के साथ मिलकर एप्पल की स्थापना की। उनकी मृत्यु के कुछ समय बाद ही उनके कार्यकालिन जीवनी लेखक वाल्टर इसाकसन, ने उनके बारे में बताया की वे, “एक क्रिएटिव उद्योगपति थे जिनका परफेक्शन के प्रति जूनून और 6 व्यवसायों के तीव्र विकास: पर्सनल कंप्यूटर, एनिमेटेड मूवी, म्यूजिक, फ़ोन, टेबलेट कंप्यूटिंग और डिजिटल पब्लिशिंग सतत चलता रहा।”
सन 1976 में स्टीव वोजनियाक ने मेकिनटोश एप्पल 1 कंप्यूटर k आविष्कार किया। जब वोजनियाक ने यह जॉब्स को दिखाया तो जॉब्स ने इसे बेचने का सुझाव दिया। इसे बेचने के लिए वे और वोजनियाक गेरेज में एप्पल कंप्यूटर का निर्माण करने लगे। जॉब्स 1976 में एप्पल के सह-संस्थापक बने और एप्पल के पर्सनल कंप्यूटर बेचने लगे। एप्पल तेज़ी से आगे बढती गयी और पैसे कमाती गयी और पहले साल के अंत में ही पर्सनल कंप्यूटर बनाने वाली दूसरी कंपनी बन गयी। एप्पल इतनी बड़ी मात्र में पर्सनल कंप्यूटर का उत्पादन करने वाली पहले सबसे बड़ी कंपनी बनी। 1979 में, Xerox PARC के टूर के बाद, जॉब्स ने Xerox Alto की व्यावहारिक जरूरतों को जान, उसे परखा, जिसने बाद में माउस का निर्माण किया और साथ ही ग्राफिकल यूजर इंटरफ़ेस (GUI) का भी निर्माण किया। दुनिया में हो रहे विविध क्षेत्रो में विकास की बदौलत 1983 में एप्पल लिसा में असफल हुई। और GUI के साथ कंप्यूटर का उत्पादन करने वाली पहली कंपनी बनने की चाह से 1985 में एप्पल लेसनर प्रिंटर प्रस्तुत किया। वोज और जॉब्स आगे बढ़ते गये और एप्पल I के बाद एप्पल II प्रस्तुत किया। जिसमे अतिरिक्त रंग को सपोर्ट करने वाला सिस्टम था। जॉब्स ने अपने कंपनी के विकास को तेज़ करने के लिए एक निवेशक को मना लिया, और उनकी कंपनी तेज़ी से आगे बढ़ने लगी। एप्पल का सुनहरा पल चालू हो गया था। साथ ही वे एनीमेशन मूवी का निर्माण भी करते चले गये। 1995 में आयी फिल्म टॉय स्टोरी में उन्होंने बतौर कार्यकर्त्ता और निर्माता काम किया।
1997 में, एप्पल ने NeXT को खरीद लिया, ताकि वे देश में रोजगार की निर्मिती कर सके, और इसी वजह से वे NeXT के पुनः सीईओ बने. 1997 में शुरू में उन्होंने एक नयी सोच के साथ कंप्यूटर का उत्पादन करना शुरू किया जिसे “Think Different” का नाम दिया गया। बाद में उन्होंने एप्पल के कई प्रोडक्ट्स जैसे iMac, iTunes, Apple Stores, iPod, iTunes Store iPhone, App Store और iPad का निर्माण किया। जॉब्स 1997 में कंपनी में बतौर सीईओ काम कर रहे थे, तभी 1998 में iMac बाज़ार में आया जो बड़ा ही अल्पपारदर्शी खोल वाला PC था, उनके नेतृत्व में एप्पल ने बड़ी सफलता प्राप्त की। सन 2001 में एप्पल ने iPod का निर्माण किया। फिर सन 2001 में iTunes Store का निर्माण किया। सन 2007 में एप्पल ने iPhone नामक मोबाइल फ़ोन बनाये जो बड़े ही सफल रहे, और आज भी iPhone को सबसे बड़ा ब्रांड कहा जाता है।
सन 2003 में उन्हें पैनक्रियाटिक कैंसर की बीमारी हुई। उन्होंने इस बीमारी का इलाज ठीक से नहीं करवाया। जॉब्स का 5 अक्टूबर 2011 को पालो आल्टो, कैलिफ़ोर्निया के घर में निधन हो गया। उनके निधन पर माइक्रोसॉफ्ट और डिज्नी जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियों ने शोक मनाया। एक अमेरिकी पत्रिका में उन्हें, “उद्योग जगत का सबसे शक्तिशाली पुरुष” कहा गया था।
कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल फ़ोन बनाने वाली कंपनी एप्पल के भूतपूर्व सीईओ और जाने-माने अमेरिकी उद्योगपति स्टीव जॉब्स ने संघर्ष करके जीवन में यह मुकाम हासिल किया।
Steve Jobs Say’s : Stay Hungry Stay Foolish
“Think Different” यह स्टीव का मूल मन्त्र था। कितना छोटा सा शब्द लेकिन कितनी गहराई से लदे हुए इसी शब्द के भरोसे उन्होंने उद्योगों को बदला, बिज़नस मॉडल को नयी परिभाषा दी। उनका हमेशा से यह मानना था की जीवन में यदि हमें सफल होना है तो किसी का भी इंतज़ार किये बिना ही अकेले चलना सीखना होगा।




by - ghyanipandit

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