दुनिया के इतिहास की अब तक की पांच सबसे घातक महामारियां जिन्होंने ली करोड़ों जानें
बेहद तेजी से फैले कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में खौफ का माहौल पैदा कर दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) इसे एक वैश्विक महामारी घोषित कर चुका है और अगर दुनिया इस समय पर्याप्त सावधानी बरतती है तो स्थिति बेहद बुरी हो सकती है।
लेकिन ये पहली महामारी नहीं है और दुनिया पहले भी इससे कई घातक बीमारियों का सामना कर चुकी है। आइए आपको ऐसी ही इतिहास की पांच सबसे घातक महामारियों के बारे में बताते हैं।
#1
सबसे घातक था 1918 का स्पेनिश फ्लू
1918 में फैले 'स्पेनिश फ्लू' को इतिहास की सबसे घातक महामारी माना जाता है और इससे 5-10 करोड़ लोगों की मौत हुई थी।
पहला विश्व युद्ध के दौरान किसी सैन्य कैंप से ये बीमारी शुरू हुई थी और युद्ध खत्म होने के बाद अपने-अपने देश लौटने वाले सैनिकों ने इस बीमारी को पूरी दुनिया में फैला दिया।
ज्यादातर संक्रमितों के मरने या उनमें बीमारी के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता पैदा होने के कारण ये 1919 में खत्म हो गया।
#2
जस्टिनियन प्लेग से मरे पांच करोड़ लोग
पहली बार साल 541 में फैले जस्टिनियन प्लेग को इतिहास की दूसरी सबसे घातक महामारी माना जाता है।
मिस्र से फैलना शुरु होने वाली इस बीमारी ने धीरे-धीरे भूमध्य सागर के आसपास के पूरे इलाके और यूनानी साम्राज्य को अपनी चपेट में ले लिया।
अगली दो सदी तक ये बीमारी आती-जाती रही और इससे लगभग पांच करोड़ लोगों की मौत हुई जो उस समय की वैश्विक जनसंख्या का 26 प्रतिशत था।
#3
HIV-AIDS से अब तक 3.5 करोड़ लोगों की मौत
भले ही हमें AIDS से बड़ी संख्या में मृत्यु की खबरें बेहद कम मिलती हो, लेकिन ये इतिहास की तीसरा सबसे घातक महामारी साबित हुआ है।
1981 में पहचाने जाने के बाद से लगभग 3.5 करोड़ लोग AIDS का शिकार हो चुके हैं।
AIDS का वायरस HIV संक्रमित शख्स की प्रतिरोधक क्षमता को पूरी तरह से नष्ट कर देता है और वो सामान्य बीमारियों से लड़ने के काबिल भी नहीं रह पाता।
अभी तक इसकी वैक्सीन नहीं बन सकी है।
जानकारी
1920 में चिम्पैंजी वायरस से निकला AIDS का वायरस
AIDS को पहली बार भले ही अमेरिका के समलैंगिक समुदाय में पाया गया हो, लेकिन माना जाता है कि ये 1920 के दशक में पश्चिम अफ्रीका के किसी चिम्पैंजी वायरस से निकला है। ये केवल शरीर के कुछ तरल पदार्थों के जरिए ही फैलता है।
#4
'द ब्लैक डेथ' से दो करोड़ लोगों की मौत
14वीं सदी में फैली 'द ब्लैक डेथ' महामारी से केवल यूरोप में दो करोड़ लोगों की मौत हुई थी।
एशिया से फैलना शुरू हुई ये बीमारी अक्टूबर 1347 में इटली के मेसीना बंदरगाह पर आए 12 जहाजों के साथ यूरोप में पहुंची।
इन जहाजों में ज्यादातर लोग मृत पाए गए और जो जिंदा थे, वे बेहद बीमार थे। जहाजों को तत्काल वापस भेज दिया गया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और बीमारी धीरे-धीरे पूरे यूरोप में फैल गई।
#5
'तीसरी प्लेग महामारी' से मरे 1.5 करोड़ लोग
1855 में फैली 'तीसरी प्लेग महामारी' दुनिया के इतिहास की पांचवीं सबसे घातक बीमारी साबित हुई है।
ये प्लेग चीन से फैलना शुरू हुआ और जल्द ही भारत और हांगकांग में पहुंच गया। भारत में इस वायरस के कारण सबसे अधिक मौतें हुईं और इसे लेकर अंग्रजों को विरोध का सामना भी करना पड़ा। पूरी दुनिया में इससे लगभग 1.5 करोड़ लोगों की मौत हुई।
ये बीमारी 1960 तक सक्रिय रही जब इसके मामले 100 से कम हो गए।
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